मुकेश अंबानी जो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर है,को हल ही में घाना में 5G की डील को लेकर विरोध का सामना करना पड़ा. इस विरोध का मुख्य का घाना के स्थानीय कंपनियों और जनता के बीच उपजी असंतोष था, जो इस डील को रास्ट्रीय संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता के खिलाफ मानते है.
घाना में 5G नेटवर्क स्थापित करने की इस डील का उदेश्य देश की इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारना और तेज इन्टरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना है. रिलायंस जियो, जो पहले से ही भारत में 5G सेवाएं प्रदान कर रहा है, इस डील के माध्यम से अपने व्यवसाय का विस्तार अफ़्रीकी महाद्वीप में करना चाह रहा है. लेकिन इस पहल का स्वागत भी नही किया.
स्थानीय कंपनियों का विरोध
घाना की स्थानीय टेलिकॉम कंपनियों ने इस डील का काडा विरोध किया है. उनका तर्क है कि भारतीय कंपनी का आगमन उनके व्यापार के लिए खतरा है और इससे उनके बाजार में हिस्सेदारी कम हो सकती है. उनका मानना है कि रिलायंस जिओ की उपस्थिति स्थानीय उद्योगों पर दबाब बनाएगी और उन्हें प्रतिस्पर्धा करने में कठनाई होगी.
एक प्रमुख स्थानीय टेलिकॉम कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा, “हमे अपनी कंपनी को बढावा देने की जरूरत है, न कि बाहरी कंपनी को आमंत्रित करने की. यह डील हमारी आर्थिक संप्रभुता पर आघात है और हमे इसे रोकना होगा.”
सामाजिक और राजनितिक विरोध
सिर्फ व्यापारिक भाग ही नही बल्कि सामाजिक और राजनितिक संगठन ने भी इस डील का विरोध किया है. उनका कहना है कि इस तरह की डील से घाना की सुरक्षा और गोपनीयता खतरे में हो सकती है. वे आशंकित है कि विदेशी कंपनी को महत्वपूर्ण नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर में शामिल करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
एक प्रमुख दल के नेता ने कहा, “यह हमारी देश की संप्रभुता का सवाल है. हमे इस पर विचार करना चाहिए कि क्या वाकई विदेशी कंपनी को हामरे महत्वपूर्ण नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बनने देना चाहिए.
सरकर की प्रतिक्रिया
घाना सरकर ने इन विरोधो को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे पर विचार करने का वादा किया है. सरकार ने कहा है कि वे सभी पक्षों के विचारो को ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लेंगे.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता घाना की जनता और हमारे स्थानीय उद्योगो की सुरक्षा और प्रगति है. हम किसी भी निर्णय को जल्दबाजी में नही लेंगे और सभी पक्षों की बात सुनेंगे.”
मुकेश अंबानी की प्रतिक्रिया
मुकेश अंबानी ने इस विरोश पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि उनकी कंपनी का उद्देश्य घाना की डिजिटल प्रगति में योगदान देना है और वे स्थानीय उद्योगों और समुदायों के साथ मिलकर काम करना चाहते है. उन्होंने विश्वास दिलाया है कि रिलायंस जियो घाना में रोजगार के अवसर पैदा करेगा और देश की डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा.
अंबानी ने कहा, “हम घाना की डिजिटल यात्रा में साझेदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है और हमे यकीन है कि यह डील दोनों देशो के लिए लाभकारी होगी. हम यहा प्रतिस्पर्धा करने नही बल्कि सहयोग करने आये है.”
निष्कर्ष
घाना में 5G डील को लेकर मुकेश अंबानी को जो विरोध झेलना पड़ा है, वह कई स्तरों पर विचारणीय है. यह मुद्दा न केवल व्यापर प्रतिस्पर्धा का है, राष्ट्रिय संप्रभुता, सुरक्षा और स्थानीय समुदायों के हितो का भी है. इस डील के भविष्य का निर्णय घाना सरकार को करना है, जो सभी पक्षों के विचारो और चिन्ताओ को ध्यान में रखते हुए ही कोई कदम उठाएगी.