पिछले चुनावो में बसपा के साथ मिलकर पांच साईट जितने वाली अखिलेश यादव की पार्टी ने यूपी में भाजपा को करारा झटका दिया, जिसने 2019 में अपने दम पर 62 साईट जीती थी.

उत्तर प्रदेश में 80 संसदीय भागो के लिए हुए चुनाव आयोग के आंकड़ो के अनुसार, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस 34 और 7 लोकसभा सीटो पर आगे चल रहे है. भाजपा के नेतृत्व वाली NDA 35 सीटो पर आगे चल रही है.

भारतीय जनता पार्टी 35 सीटो अपर आगे चल रही है और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल तथा अपना दल एक-एक सीटो पर आगे चल रहे है. आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर भाजपा के ओम कुमार से 1,09,799 मतों से आगे चल रहे है.

जिन प्रमुख नेताओं ने अपने प्रतिद्वंद्वियो पर आरामदायक बढत हासिल की है उनमे वाराणसी में नरेन्द्र मोदी, लखनऊ में रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह, कन्नोज और मैनीपुर में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव, रायबरेली और अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गाँधी और किशोरी लाल शर्मा शामिल है.

सपा का भाजपा को झटका

पिछले चुनाव में बसपा के साथ मिलकर पांच सीटें जितने वाली अखिलेश यादव की पार्टी ने यूपी में भाजपा को करारा झटका दिया है, जिसने 2019 में अपने दम पर 62 सीटें जीती थी. श्री यादव ने प्रमुख राजनितिक राज्य में विपक्ष के अभियान का नेतृत्व किया और ममता बेनर्जी और अरविन्द केजरीवाल की पार्टी के साथ मिलकर अच्छा प्रदर्शन किया.

सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद यह पहला आम चुनाव था और अखिलेश ने निराश नही किया, इस हद तक कि वे 2004 के चुनाव में जीती गयी सीटो से भी अधिक सीटो पर आगे है. विपक्ष के लिए ये बदलाव तब आया जब श्री मोदी जी अक्सर यादव और राहुल गाँधी को “दो लडको की जोड़ी” कहकर अपमानित करते थे.

कन्नोज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे श्री यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव और तीन चचेरे भाइयो के लिए समर्थन जुटाने की जिम्मेदारी अपने सर ले ली है.

इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान श्री यादव ने भाजपा को अपने बयान में बदलाव करने के लिए मजबूर किया था, यहाँ तक कि उन्होंने सत्तारुड पार्टी के भाई-भतीजावाद के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा था कि जिनका कोई परिवार नही है, उन्हें दुसरो पर कोई आरोप लगाने का अधिकार नही है.

इस जबाव से भाजपा के सभी शीर्ष नेताओं के साथ-साथ जमीनी कार्यकर्ताओं ने भी अपने सोशल मिडिया बायो में “मोदी का परिवार” जोड़ दिया.

सपा ने कांग्रेस को 18 सीटे और टीएमसी को 1 सीट दी थी और बाकि 80 सीटो पर अपने उम्मीदवार उतारे थे.

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